
बैंक खाते से पैसा निकालने पर अब नए टैक्स नियम लागू हो गए हैं, जो वित्तीय अनुशासन को मजबूत करने और काले धन पर रोक लगाने के उद्देश्य से शुरू किए गए हैं। इस नियम के तहत नकद निकासी की सीमा निर्धारित की गई है और उससे ज्यादा पैसे निकालने पर टैक्स कटौती (TDS) अनिवार्य कर दी गई है। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी है।
सालाना नकद निकासी पर सीमा
नए नियमों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति पिछले तीन सालों की आयकर रिटर्न (ITR) भर चुका है, तो वह सालाना 1 करोड़ रुपये तक बैंक खाते से नकद निकाल सकता है, बिना किसी टैक्स के। इस सीमा के बाद ₹1 करोड़ से ऊपर की निकासी पर 5% टीडीएस कटेगा। वहीं ₹20 लाख से ₹1 करोड़ तक निकासी पर 2% टीडीएस लागू होगा।
यदि व्यक्ति ने पिछले तीन साल की ITR नहीं भरी है, तो ऐसे लोगों के लिए सालाना कैश निकासी सीमा ₹20 लाख रुपये है, जिसमें कोई टैक्स कटौती नहीं होगी। इस सीमा के बाद निकासी पर 2% से 5% के बीच टीडीएस लगाया जाएगा।
कौन से खाते लागू हैं
यह नियम सभी प्रकार के बैंक खातों पर लागू हैं, चाहे वह बचत खाता हो, चालू खाता हो, किसान लोन खाता हो या पोस्ट ऑफिस खाता। सभी बैंकों और कोऑपरेटिव सोसायटी, पोस्ट ऑफिस सहित सभी वित्तीय संस्थानों के खाते शामिल हैं।
टीडीएस कटौती कैसे काम करती है
टीडीएस कटौती का मतलब यह नहीं कि यह आपका अंतिम टैक्स है, बल्कि यह सरकार को आपकी नकद निकासी की जानकारी देता है। इसे आप बाद में अपनी आयकर रिटर्न के साथ समायोजित कर सकते हैं। यदि आपकी आय कर योग्य सीमा के अंतर्गत है, तो आप कटे हुए टीडीएस का रिफंड भी पा सकते हैं।
सूचना और जुर्माने की संभावना
बैंक हर 500 रुपये या उससे अधिक की नकद ट्रांजैक्शन पर जानकारी आयकर विभाग को भेजता है। इससे विभाग को बड़ी नकद लेनदेन पर नजर रखने में मदद मिलती है। नियमों का उल्लंघन करने पर नोटिस और भारी जुर्माना भी हो सकता है।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा
सरकार की यह पहल डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और नकद लेनदेन से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए है। इससे काले धन के प्रसार पर रोक लगेगी और आर्थिक पारदर्शिता बढ़ेगी।