
अगर आप ड्राइविंग के शौकीन हैं और अक्सर काले कपड़ों में सड़क पर निकलते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। कई बार ऐसा होता है कि ट्रैफिक नियमों का पूरे ईमानदारी से पालन करने के बावजूद भी आपका चालान कट जाता है और आप हैरान रह जाते हैं कि आखिर गलती कहां हुई? दरअसल, इसकी वजह आपके कपड़ों का कलर भी हो सकता है।
देशभर में ट्रैफिक नियमों की निगरानी के लिए सड़कों पर अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए हैं, जो हर छोटी से छोटी गलती को रिकॉर्ड कर लेते हैं। लेकिन इन हाई-टेक कैमरों की एक ‘स्मार्ट गलती’ लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है। अगर आप काले रंग (Black Color) की शर्ट, टी-शर्ट या जैकेट पहनकर ड्राइव कर रहे हैं, तो कैमरा यह पहचान पाने में फेल हो जाता है कि आपने सीट बेल्ट लगाई है या नहीं।
काले रंग पर क्यों नहीं दिखती सीट बेल्ट
सीट बेल्ट का कलर आमतौर पर डार्क ग्रे या ब्लैक ही होता है। जब ड्राइवर या पैसेंजर भी काले रंग के कपड़े पहनते हैं, तो कैमरे के लिए वह डिफरेंशिएट करना मुश्किल हो जाता है कि सीट बेल्ट लगी है या नहीं। कैमरा सिर्फ एक साधारण इमेज कैप्चर करता है, और डिटेल एनालिसिस सिस्टम उस पर ऑटोमैटिक चालान जनरेट कर देता है। ऐसे में, भले ही आपने पूरी तरह से सीट बेल्ट पहन रखी हो, लेकिन कैमरे की नज़र में आप बिना सीट बेल्ट के पाए जा सकते हैं।
कई लोग सोशल मीडिया पर अपने-अपने अनुभव भी शेयर कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने बताया कि काले कपड़ों की वजह से उनका सीट बेल्ट चालान कटा, जबकि उन्होंने नियम का पालन किया था।
पुलिस अधिकारी देख सकते हैं, कैमरा नहीं
अगर सड़क पर ट्रैफिक पुलिस आपको रोकती है, तो अधिकारी तुरंत पहचान सकते हैं कि आपने बेल्ट पहन रखी है। लेकिन कैमरा एनालिटिक्स के अल्गोरिद्म के लिए यह समझना मुश्किल होता है। यही कारण है कि देश के कई राज्यों में ऐसे फॉल्स चालान की शिकायतें बढ़ी हैं।
हालांकि पुलिस विभाग का कहना है कि अगर किसी ड्राइवर का गलत चालान कटता है, तो वह ई-चालान पोर्टल पर जाकर उसका ऑनलाइन अपील या रिप्रेज़ेंटेशन दाखिल कर सकता है।
किस एक्ट के तहत लगता है जुर्माना?
मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 194B के तहत बिना सीट बेल्ट पहने ड्राइविंग करना एक ट्रैफिक उल्लंघन माना जाता है। इसमें पहली बार 1000 रुपये का चालान और गलती दोहराने पर हर बार 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। दिल्ली और अन्य शहरों में AI-आधारित कैमरे अब रियल-टाइम में फोटो क्लिक करके चालान जेनरेट कर देते हैं।
क्या कंपनियों को बदलनी चाहिए सीट बेल्ट का डिजाइन?
अब सवाल यह उठता है कि क्या ऑटोमोबाइल कंपनियों को सीट बेल्ट का रंग बदल देना चाहिए ताकि यह कैमरे को साफ दिख सके? अगर सीट बेल्ट का कलर थोड़ा कॉन्ट्रास्ट में हो — जैसे ग्रेइश व्हाइट, रेडिश टोन या लाइट ब्राउन — तो कैमरा आसानी से पहचान सकता है कि बेल्ट लगी है या नहीं।
हालांकि सुरक्षा और डिजाइन स्टैंडर्ड की वजह से कंपनियां बेल्ट का रंग बदलने के लिए जल्दी तैयार नहीं होतीं। अधिकतर कारों में सेफ्टी स्टैंडर्ड्स फिक्स होते हैं, जिनमें कलर और स्ट्रेंथ की टेस्टिंग पहले से निर्धारित रहती है।
क्या उपाय करें ड्राइवर?
अगर आप ऐसे फॉल्स चालान से बचना चाहते हैं, तो कुछ सरल उपाय अपना सकते हैं:
- ड्राइविंग करते वक्त कोशिश करें कि डार्क कलर, खासकर काले कपड़े, न पहनें।
- अगर पहनने ही हैं, तो सीट बेल्ट को साफ तरीके से ऊपर से दिखाएं ताकि कैमरे में विजिबल रहे।
- गाड़ी के अंदर लाइट कलर सीट कवर्स या लाइट बैकग्राउंड का इस्तेमाल करें।
- फॉल्स चालान आने पर तुरंत ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट पर जाकर उसका रिप्रेजंटेशन करें।